Editorial – सम्पादकीय

कोरोना से निर्णायक युद्ध

चीन के वुहान से चलकर पूरे विश्व में फैले कोरोना ने भयावह रूप धारण कर लिया। अबतक पूरे विश्व में लगभग 15 करोड़ लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं तथा लगभग साढ़े 31 लाख लोग काल के गाल में समा चुके हैं । भारत में भी अभी तक एक करोड़ 80 लाख लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं, जिसमें दो लाख से अधिक लोगों की कोरोना के कारण अकाल मृत्यु भी हो चुकी है। कुछ राज्यों में तो कोरोना बड़ी भयावह त्रासदी बनकर खड़ा हो गया है। हलांकि इस संकट को ध्यान में रखकर सरकारें, चिकित्सक, मेडिकल स्टाफ, सामाजिक,धार्मिक संगठन कोरोना के हर प्रकार के दुश्प्रभाव को रोकने के लिए कमर कस चुके हैं।अनेक मंदिरों ने अपने परिसर को कोविड चिकित्सा केंद्र के रूप में तो अनेक धार्मिक संस्थानों ने अपना स्थान और अपना सारा संसाधन कोविड चिकित्सा के लिए समर्पित कर दिया है। देश के बड़े व्यापारी भी ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए आगे आने लगे हैं। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने ऑक्सीजन प्लांट बनाने का निर्णय लिया है। चिकित्सा के अनेक उपकरण निर्यात करने के लिए व्यापारी आगे आ रहे हैं। राजनयिकों ने दुनियाँ के कई देशों से वैज्ञानिक सहायता लेने के लिए वार्ता आरम्भ कर दी है, सफलता भी अर्जित की है। वैज्ञानिक समुदाय भी कोरोना निवारण के उपायों के शोध में लगे हुए हैं। कोरोना के दो-दो वैक्सीन वैज्ञानिकों ने भारत को दे दिया है। अब वैक्सीन को ओरल स्प्रे के रूप में लांच करने की तैयारी चल रही है। अनेक और भी कई वैक्सीन आने वाले दिनों में लाभान्वित कर सकती हैं।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद, सेवा भारती इत्यादि संगठनों ने कोरोना पीड़ित परिवारों को घर-घर भोजन पहुँचाना आरम्भ कर दिया है। संपर्क लिए स्थानीय स्तर पर हर जिले, नगर में हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। व्हाट्सएप पर सूचना मिलते ही पकाया हुआ भोजन सबको उनके द्वार तक पहुँचाया जा रहा है। बजरंगदल कोरोना संक्रमित शवों की अंतिम क्रिया करने में सहायक हो रहा है इतना ही नहीं तो बजरंगदल के द्वारा देशभर में अनेकों कोविड केयर सेंटर भी चलाए जा रहे हैं। कोरोना पीड़तों तथा उनके परिजनों की आवश्यक आवश्यकताओं को पूरा करने के विहिप के कार्यकर्ता रातदिन अपनी सेवा दे रहे हैं।

किन्तु इस गंभीर संकट के समय इसाई मिशनरीज भारत का अनिष्ट करने में लगी हुई हैं,वह हमारी आपदा को अपने लिए वरदान मानकर लोभ लालच देकर धर्मांतरण के कार्य में संलग्न हैं।पिछले एक वर्ष में एक लाख गांवों में अपनी अतिरिक्त गतिविधियां बढ़ाई हैं,यहां तक कि पचास हजार हिन्दुओं को इसाई भी बना लिया है,यह चुनौती है जिससे निपटना जरूरी है।कोराना काल में ही इस्लामिक जिहादी आक्रामकता बढ़ी हैं,लव जिहाद की घटनाएं बढ़ी हैं,मुसलमानों के द्वारा लड़कियों के बलात अपहरण तथा दलितों पर जिहादी हिंसक घटनाओं में बाढ़ सी आ गई है।आज देश के सामने केवल कोरोना ही चुनौती नही है,बल्कि सीमा में आतंक के साथ वनवासी,दलित बस्तियों में इसाई घुसपैठ भी एक बड़े षणयंत्र की ओर इशारा कर रहा है।इसलिए सेवा के साथ सुरक्षा पर सतर्कता बहुत आवश्यक है।