प्रेस विज्ञप्ति
विश्व हिन्दू परिषद, केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल बैठक-5 सितम्बर, 2015-कुम्भ मेला क्षेत्र,
श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा, त्र्यम्बकेश्वर, नासिक (महाराष्ट्र)
आज दिनांक 5 सितम्बर, 2015 को जूना पीठाधीश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज की अध्यक्षता में विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्ड ल की बैठक नासिक कुंभ क्षेत्र त्र्यम्बकेश्वर में श्रीपंच दशनाम जूना अखाडा में सम्पन्न हुई जिसमें निरंजनी पीठाधीश्वर पूज्य श्री पुण्यानंद जी महाराज, ज0गु0 रामानुजाचार्य श्री कौशलेन्द्र प्रपन्नाचार्य, ज0गु0 शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती जी, मलूकपीठाधीश्वर पू0 राजेन्द्र दास जी महाराज देवाचार्य, अखाडा परिषद के अध्यक्ष पू0 नरेन्द्रानंद गिरि, महामंत्री हरिगिरि जी, जूना अखाडा के सचिव महंत नारायण गिरि जी, उदासीन बडा अखाडा के महंत दुर्गादास जी, महंत संतोष मुनि जी, महंत अग्रदास जी, आवाहन अखाडा के महंत सागरानंद जी, महानिर्वाणी अखाडा के महंत शिवनारायण पुरी जी महाराज, मणिराम छावनी के महंत कमलनयन दास जी, डॉ0 रामेश्वर दास श्रीवैष्णव, महंत सुरेशदास जी, महंत भगवान दास जी आदि संतों ने मम दीक्षा हिन्दू रक्षा, मम मंत्रः समानता के संदेश के साथ अपने विचार व्यक्त किए।
बैठक में प्रथम प्रस्ताव जनगणना की रिपोर्ट की भयावहता के प्रति संतों ने एक प्रस्ताव के माध्यम से अपनी भावना को व्यक्त करते हुए कहा कि आज इस हिन्दू समाज की जनसंख्या 80 प्रतिशत से भी नीचे हो गई है जो बड़ी चिंता का विषय है। यह चिंता केवल हिन्दू की नहीं अपितु देश की एकता और अखण्डता के प्रति आगामी संकट की आहट है। यह बात बिलकुल स्पष्ट है कि इस देश के सभी वर्ग जनसंख्या नियंत्रण मंे सब प्रकार का सहयोग कर रहे हैं परन्तु मुस्लिम समाज इसमें सहयोग करने के बजाए जनसंख्या वृद्धि को एक अभियान के रूप में ले रहा है जो चिंतनीय है। घुसपैठ, धर्मान्तरण, बहुपत्नी विवाह, अधिक प्रजनन और आक्रामक नीति के आधार पर मुस्लिम समाज की जनसंख्या में 24 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि हिन्दू की जनसंख्या वृद्धि 7.50 प्रतिशत है। इसलिए सभी राज्य सरकारों को राष्ट्रीय जनसंख्या नीति बनानी चाहिए।
केन्द्रीय मार्गदर्शक ने गोरक्षा के लिए केन्द्रीय कानून तत्काल बनाने पर बल देते हुए कहा कि जब तक इस देश में गो का रक्त इस देवभूमि पर एक भी बूंद गिरेगा तब तक कोई भी अनुष्ठान सफल नहीं होगा तथा सुख-शांति समाज में स्थापित नहीं हो सकती। आज देश में विकास की बहुत बडी चर्चा हो रही है जबकि गौवंश भारत के अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। इसलिए गौवंश की रक्षा इस देश की राष्ट्रीय आवश्यकता है। भारत सरकार को तत्काल गोवंश पर केन्द्रीय कानून बनाकर भारतीय गोवंश आधारिक जैविक खेती को प्रोत्साहन देना चाहिए। साथ ही गोवंश तस्करी रोकने की सुदृढ़ व्यवस्था बनानी चाहिए।
सामाजिक समरसता के संबंध में अपने विचार व्यक्त करते हुए संतों ने कहा कि आत्मवत् सर्वभूतेषु ही हमारा दर्शन है। इस दर्शन को ज0गु0 रामानंदाचार्य ने ‘‘जाति पाति पूछे नहिं कोई, हरि को भजे सो हरि का होई’’, संत तुलसीदास ने ‘‘सियराम मय सब जग जानी, करहुं प्रणाम जोगि जुर पानि’’ कहकर पोषित किया है।
इसीलिए संतों ने हिन्दू समाज का आह्वान करते हुए कहा कि सिद्धान्त और व्यवहार में एकरूपता निर्माण करते हुए समाज में व्याप्त थोपी गई सामाजिक छुआछूत, ऊंच नीच और छोटा-बडे के घृणित व्यवहार को अपने मन-मस्तिष्क से निकाल बाहर करें और समवेत स्वर में घोषणा करें कि
हिन्दवः सहोदराः सर्वे न हिन्दू पतितो भवेतः, हिन्दू हम सब एक, कोई हिन्दू अछूत नहीं है।
बैठक का संचालन श्री जीवेश्वर मिश्र ने किया। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए श्रीपंच दशनाम जूना अखाडा के सचिव महंत नारायणगिरि जी ने कहा कि हम बडे सौभाग्यशाली हैं कि आप सभी पूज्य संत चरण हमारे अखाडे में पधारे हैं। आज यहां पर जो निर्णय लिए गए वह अपने में बहुत ऐतिहासिक हैं और समाज में बडे परिवर्तन के सूचक हैं। हम सब संतों को आज यहां लिए गए निर्णय को तन-मन-धन से सहयोग करना चाहिए। आप सबका आभार व्यक्त करते हुए मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं। शांति मंत्र के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
जारीकर्ता – राजेन्द्र सिंह पंकज, केन्द्रीय मंत्री-विश्व हिन्दू परिषद – 05 सितम्बर, 2015
1. प्रस्ताव: जनगणना
2. प्रस्ताव – गौरक्षा
3. प्रस्ताव – सामाजिक समरसता
4. प्रस्ताव – श्रीराम जन्मभूमि
विश्व हिन्दू परिषद, केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल बैठक-5 सितम्बर, 2015 कुम्भ मेला क्षेत्र,
श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा, त्र्यम्बकेश्वर, नासिक (महाराष्ट्र)
उपस्थित पूज्य संतों की सूची
- आ.म0म0 पू0 स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज, जूना पीठाधीश्वर
- आ0म0म0 पू0 श्री स्वामी पुण्यानंद गिरि जी महाराज, निरंजनी पीठाधीश्वर
- पू. म0म0 बालकानंद गिरि जी महाराज
- ज0गु0 रामानुजाचार्य कौशलैन्द्र प्रपन्नाचार्य जी महाराज
- पू0 स्वामी गोविन्द देव गिरि जी, पुणे
- पू0 मलूकपीठाधीश्वर पू0 श्री महंत राजेन्द्र देवाचार्य जी, वृन्दावन
- श्री महंत फूलडोल बिहारी दास जी महाराज
- पू0 श्रीमहंत अग्रदेवाचार्य राघवाचार्य जी महाराज
- पू0 ज0गु0 शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती जी, सुमेरुपीठाधीश्वर, काशी
- पू0 म0म0 कौशलकिशोर दास जी, बड़ा भक्तमाल, अयोध्या
- पू0 श्रीमहंत कमलनयन दास जी महाराज, मणिराम छावनी, अयोध्या
- पू0 श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि जी महाराज, अध्यक्ष अखाडा परिषद
- पू0 श्रीमहंत हरि गिरि जी महाराज, संरक्षक जूना अखाडा
- पू0 श्रीमहंत रवीन्द्रपुरी जी, सचिव निरंजनी अखाडा
- पू0 श्रीमहंत प्रेमगिरि जी, निरंजनी अखाड़ा
- पू0 श्रीमहंत डोंगर गिरि जी, निरंजनी अखाड़ा
- पू0 श्रीमहंत विद्यानंद सरस्वती जी, जूना अखाडा
- पू0 श्रीमहंत प्रेम गिरि जी, उपाध्यक्ष जूना अखाडा
- पू0 श्रीमहंत देवानंद सरस्वती जी, सचिव जूना अखाडा
- पू0 श्रीमहंत नारायण गिरि जी, सचिव जूना अखाडा
- पू0 श्रीमहंत रवीन्द्र पुरी जी, सचिव महानिर्वाणी अखाडा
- पू0 श्रीमहंत शिवनारायण पुरी जी, सचिव महानिर्वाणी अखाडा
- पू0 श्रीमहंत रमेश गिरी जी, सचिव महानिर्वाणी अखाडा
- पू0 श्रीमहंत सागरानंद सरस्वती जी, आवाहन अखाडा, अध्यक्ष षड़दर्शन साधू समाज, नासिक।
- पू0 श्रीमहंत शंकरानंद जी, आवाहन अखाडा
- पू0 श्रीमहंत रघु मुनि जी, उदासीन बडा अखाडा
- पू0 श्रीमहंत महेश्वर दास जी, उदासीन बड़ा अखाडा
- पू0 श्रीमहंत दुर्गादास जी, उदासीन बड़ा अखाडा
- पू0 श्रीमहंत संतोष मुनि जी, उदासीन बड़ा अखाडा
- पू0 भगतराम मुखिया जी, उदासीन नया अखाडा
- पू0 जगतार मुनि जी, उदासीन नया अखाडा
- पू0 श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह जी, निर्मल अखाडा
- पू0 श्रीमहंत सुरेशदास जी, दिगम्बर अनी अखाडा, अयोध्या
- पू0 श्रीमहंत वैष्णव दास जी, मंत्री दिगम्बर अनी अखाडा, अयोध्या
- पू0 दिव्यजीवन दास जी, दिगम्बर अनी अखाडा, चित्रकूट
- पू0 गंगादास जी, दिगम्बर अनी अखाडा, वडोदरा
- पू0 शिवशंकरदास जी, दिगम्बर अनी अखाडा, डूंगरपुर
- पू0 श्रीमहंत धर्मदास जी, निर्वाणी अनी अखाडा, अयोध्या
- पू0 श्रीमहंत रामजी दास, निर्मोही अनी, संतोषी अखाडा, चित्रकूट
- पू0 श्रीमहंत डॉ0 रामेश्वर दास जी श्रीवैष्णव, ऋषिकेश
- पू0 श्रीमहंत मनमोहन दास जी राधे राधे बाबा, इंदौर
- पू0 श्रीमहंत हरिओम दास जी, बांसवाडा
- पू0 श्रीमहंत श्री रामकृष्ण दास पापुडिया मठ, पुरी, बारह भाई डांडिया
- पू0 म0म0 गंगादास जी, जालन्धर
- पू0 म0म0 संतोष दास जी, सतुआबाबा आश्रम, काशी
- पू0 म0म0 रामबालक दास जी महात्यागी, छत्तीसगढ
- पू0 म0म0 भगवान दास जी, हरिद्वार, तेरह भाई त्यागी
- पू0 म0म0 रामभूषण दास जी, भोपाल, तेरह भाई त्यागी
- पू0 म0म0 विजयराम दास जी, भक्तमाल, अयोध्या
- पू0 म0म0 पदम दास जी, भक्तमाल, नरसिंहपुर
- पू0 श्रीमहंत लाल दास जी, तेरह भाई त्यागी
- पू0 म0म0 रामकिशन दास जी, भीलवाडा
- पू0 म0म0 चेतन दास जी मेवाड, खालसा
- पू0 म0म0 दयाराम दास जी, ब्रह्मपुरी, ऋषिकेश
- पू0 म0म0 श्यामदास जी, खाटू श्याम, राजस्थान
- पू0 म0म0 मंझले मुरारी बाबू, इन्दौर
- पू0 श्रीमहंत देवनारायण दास जी, कानपुर देहात, (बारह भाई डांडिया)
- पू0म0म0 रामतीर्थ दास जी, प्रयाग
- पू0 म0म0 विमलशरण जी, मधुबनी, बिहार
- डॉ0 रामविलासदास वेदान्ती जी, अयोध्या
- श्रीमहंत प्रेमदास जी, खेडापति हनुमान मंदिर, चैमू, राजस्थान
- श्रीमहंत रामस्वरूपदास जी, अखनूर, जम्मू कश्मीर
- स्वामी परमात्मानंद जी सरस्वती, ओडिसा
- साध्वी प्रज्ञा भारती जी, भोपाल
- साध्वी कमलेश भारती जी, दिल्ली
- साध्वी चन्द्रकला जी, छत्तीसगढ
- पू0 योगिराज दिव्यानंद जी महाराज, हरियाणा
- पू. प्रेमानंद गिरि जी महाराज, घाटकोपर, मुम्बई