Press Statement : The death of Sh. Bibek Debroy has created a void in the economic, religious, spiritual and literary life of Bharat: Alok Kumar, Sr. Advocate , International President, VHP New Delhi.Nov. 2, 2024. Expressing his grief over the sudden demise of Shri Bibek Debroy, the international president of Vishva Hindu Parishad and senior advocate Shri Alok Kumar today said that he has created a void in the economic, religious, spiritual and literary life of Bharat. He was an economist, who challenged the so-called socialistic pattern and guided the way to the liberalisation of the economy. He worked with the prominent institutions including the Rajiv Gandhi Institute for Contemporary Studies (RGICS), a member of the Niti Ayog, Chairman of the Prime Minister’s Economic Advisory Council (PM-EAC), several State Governments and others. He guided in various fields including Law and Judiciary, Labour and Railways. The VHP president said that more importantly, Shri Debroy achieved command on Sanskrit Language. He studied Mahabharat; sorted out the original Shlokas in it; sifted the later interpolations and translated it into English; a mammoth work in ten volumes and 2.25 million words. He translated 4,00,000 verses of the 18 Puranas, the 11 major Upnishads and so on. Thus, Shri Debroy led in both: the ancient Sanskrit literature and the modern economic. His death has caused an irredeemable loss not only to Bharat but to the entire World. VHP pays its humble homage to the departed soul.
*************
प्रेस वक्तव्य: श्री बिबेक देबरॉय की मृत्यु से भारत के आर्थिक, धार्मिक, आध्यात्मिक और साहित्यिक जीवन में एक बड़ा शून्य हो गया है: आलोक कुमार, अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष, विहिप नई दिल्ली। नवम्बर 2, 2024। श्री बिबेक देबरॉय की मृत्यु पर अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता श्री आलोक कुमार ने कहा है कि उनके असमय निधन से भारत के आर्थिक, धार्मिक, आध्यात्मिक और साहित्यिक जीवन में एक बड़ा शून्य हो गया है। वह एक अर्थशास्त्री थे, जिन्होंने तथाकथित समाजवादी व्यवस्था को चुनौती दी और अर्थव्यवस्था के उदारीकरण का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने राजीव गांधी इंस्टीट्यूट फॉर कंटेम्परेरी स्टडीज (आरजीआईसीएस), नीति आयोग के सदस्य, प्रधान मंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएम-ईएसी) के अध्यक्ष, कई राज्य सरकारों सहित प्रमुख अनेक संस्थानों के साथ काम किया। उन्होंने कानून और न्यायपालिका, श्रम और रेलवे सहित विभिन्न क्षेत्रों में मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि श्री देबरॉय ने संस्कृत भाषा में विशेषज्ञता प्राप्त की। श्री देबरॉय ने महाभारत का अध्ययन किया; उसमें मूल एक लाख श्लोकों को छाँटा; प्रक्षिप्त अंशो को अलग किया और ग्रंथ का अंग्रेजी में अनुवाद किया। यह दस खंडों और 22 लाख 50 हजार शब्दों की एक विशाल कृति है। श्री देबरॉय ने 18 पुराणों के 4,00,000 श्लोकों का अनुवाद किया। श्री देबरॉय ने 11 उपनिषदों का भी अंग्रेजी में अनुवाद किया है। इस प्रकार, श्री देबरॉय प्राचीन संस्कृत साहित्य और आधुनिक आर्थिक अध्ययन; दोनों में अग्रणी रहे। उनके निधन से न केवल भारत बल्कि संपूर्ण विश्व को अपूरणीय क्षति हुई है। विश्व हिन्दू परिषद दिवंगत आत्मा को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता है।
Issued By
Vinod Bansal
National spokesperson
Vishva Hindu Parishad
विनोद बंसल
राष्ट्रीय प्रवक्ता
विश्व हिंदू परिषद